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नवजीवन योजना

योजना प्रारम्भ:
2015
वित्त पोषित:
राज्य सरकार द्वारा
योजना का प्रकार:
व्यक्तिगत
Introduction
अवैध शराब के निर्माण, भण्डारण एवं विक्रय में लिप्त। व्यक्तियों / समुदायों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास तथा पुनर्वास (यथा आजीविका के वैकल्पिक अवसर / संसाधन उपलब्ध कराना, अशिक्षा को दूर करना एवं उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना) हेतु नवजीवन योजना का संचालन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा किया जा रहा है।

इस योजनान्तर्गत ऐसे व्यक्ति / परिवार जो अवैध शराब के निर्माण, भण्डारण एवं विक्रय में लिप्त हैं यथा कंजर, सांसी, भाट, भाण्ड, नट, राणा, डोम, मोंगिया (मोंग्या), बावरिया, बेड़िया, बागरिया, सीरकीवाला, चौबदार एवं ढोली समुदायों के व्यक्ति तथा जिला कार्यकारी समिति द्वारा इस हेतु चिन्हित व्यक्ति / परिवारों के पुनर्वास के लिये विभिन्न वैकल्पिक आजीविका के साधन उपलब्ध करवाकर लाभान्वित किया जाता है।

योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु माननीय मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति तथा जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला कार्यकारी समिति का गठन किया गया है।

राज्य में नवजीवन योजना क्रियान्वयन के दिशा निर्देश विभाग द्वारा संशोधन कर सभी जिला कलक्टर एवं जिलाधिकारियों को भिजवाये गये हैं। इन निर्देशों के अन्तर्गत अवैध शराब के निमार्ण, भण्डारण एवं व्यवसाय में लिप्त एवं पात्र समुदाय / अन्य परिवारों को योजना से लाभान्वित कर उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाने का उद्देश्य रखा गया है। योजना में परिवारों का सर्वे/ चिन्हीकरण, आधारभूत सुविधाओं का विकास, प्रशिक्षण, स्वरोजगार एवं आश्रित बच्चों के शैक्षणिक विकास हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। योजना में कुल प्रावधित राशि में से 40 प्रतिशत राशि की सीमा तक आधारभूत सुविधाओं/ निर्माण कार्यों पर व्यय किये जाने का प्रावधान रखा गया है।

उक्त योजना में छात्रावास भवन जोधपुर का निर्माण कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा पूर्ण किया जा चुका है।
योजना के बारे में:
नवजीवन योजना का उद्देश्य अवैध शराब के निर्माण, भंडारण एवं व्यवसाय में लिप्त व्यक्तियों तथा ऐसे परिवारों को योजना से लाभान्वित कर उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाना है। इसके लिये ऐसे व्यक्तियों एवं परिवारों को चिह्नित किया जाना आवश्यक है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि इस योजना में पूर्व में 14 जातियाँ शामिल थीं, लेकिन बजट घोषणा वर्ष 2022-23 में 16 और जातियों को इसमें शामिल किया गया है। पूर्व में इस योजना के अंतर्गत सभी ज़िलों में सर्वे करवा कर लगभग 97,827 व्यक्तियों को चिह्नित किया गया है।

योजना के तहत 30 जातियों- कंजर, सांसी, भाट, भाण्ड, नट, राणा, डोम, ढोली, मोगिया (मोग्या), बावरिया, बेडिया, बागरिया, सिरकीवाला, चौबदार, गाडोलिया, बंजारा, कालबेलिया, भोपा, नायक, गाडिया लुहार, पारदी, भेड़कुट, रैबारी, सिकलीगर, सीगडीवाल, रंगास्वामी, नाथ, बाजीगर, गुजराती एवं जंगलिया को शामिल किया गया है।

योजना के तहत अवैध शराब के व्यवसाय में लिप्त सभी 30 जातियों के व्यक्तियों और ऐसे परिवारों का डोर-टू-डोर सर्वे करवाया जाएगा तथा उनका डिजिटल डेटाबेस तैयार करवाया जायेगा।
योजना के लिए पात्रता:
1. ऐसे व्यक्ति/परिवार जो अवैध शराब के निर्माण, भण्डारण, विक्रय में लिप्त है, तथा जो जिला कार्यकारी समिति द्वारा चिन्हित हों।

2. कंजर, सांसी, भाट, भाण्ड, नट, राणा, डोम, ढोली, मोगिया (मोग्या), बाबरिया, बेड़िया, बागरिया, सिरकीवाला, चौबदार समुदायों के व्यक्ति।
योजना के फायदे:
योजना के घटक-

1. सर्वे / चिन्हीकरण एवं प्रचार-प्रसार

2, बच्चों को शिक्षा से जोड़ना

3. कौशल प्रशिक्षण

4. स्वरोजगार हेतु ऋण/अनुदान

5. बस्तियों में आधारभूत संरचना विकास
आवेदन का तरीका:
Offline / Online
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