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Lakhpati Didi Scheme

Lakhpati Didi Scheme
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Objective of Scheme:
लखपति दीदी स्वयं सहायता समूह की एक ऐसी सदस्या है, जिसकी सालाना पारिवारिक आय एक लाख रुपये (रु. 1,00,000) या इससे अधिक है। इस आय की गणना कम से कम चार कृषि मौसमों या चार व्यापार चक्रों के लिए की जाती है, जिनकी औसत मासिक आय दस हजार रुपये (रु.10,000) से अधिक है, जोकि लगातार बनी रहे।

लखपति दीदी अपनी आय के लिए ही नहीं, बल्कि स्थायी आजीविका कार्यप्रणाली (खेत, गैर-कृषि, सेवा) को अपनाने और संसाधनों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करके जीवन का योग्य स्तर प्राप्त करने के माध्यम से, समुदाय के लिए एक प्रेरणा के रूप में अपनी परिवर्तन यात्रा के लिए कार्य करती हैं।

एस.एच.जी. समूहों ने सामूहिक कार्रवाई और आपसी सहयोग को बढावा देने के साथ महत्वपूर्ण वित्तीय साक्षरता, कौशल विकास, और आजीविका सहायता के लिए माध्यम के रूप में योगदान किया है। विशेष रूप से, अब ध्यान केवल सामाजिक और वित्तीय समावेशन से आगे बढ़कर, एस.एच.जी. सदस्यों को उद्यमशीलता और आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त बनाने का है। उनके स्वाभावी कौशल और क्षमताएं उन्हें उच्च आय वर्ग की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। सरकार अब सक्रिय रूप से इस परिवर्तन और लखपति दीदी जैसी पहल का समर्थन कर रही है।

लखपति पहल सभी सरकारी विभागों/मंत्रालयों, निजी क्षेत्र और बाजार के अनुभवियों के बीच अभिसरण सुनिश्चित करके विविध आजीविका गतिविधियों की सुविधा प्रदान करती है। इस रणनीति में सभी स्तरों पर केंद्रित योजना, कार्यान्वयन और निगरानी शामिल है।
FAQ
कैसे बनूंगी मैं लखपति दीदी

❓ लखपति दीदी कौन है?

लखपति दीदी स्वयं सहायता समूह की एक ऐसी सदस्या है, जिसकी सालाना पारिवारिक आय एक लाख रुपये ( रु.1,00,000) या इससे अधिक या मासिक आय कम से कम दस हजार रुपए (रु.10,000) है और यह कम से कम चार कृषि मौसमों या चार व्यावसायिक चक्रों तक लगातार बनी रहती है।

❓ स्वयं सहायता समूह सदस्यों को लखपति दीदी बनने में सक्षम बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं ?

लखपति दीदियों को सक्षम बनाने के लिए एक कार्यान्वयन योजना तैयार की है। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:-

🌟 संभावित लखपति दीदियों की पहचान

🌟 मास्टर ट्रेनर्स और कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स का एक पूल बनाना

🌟 एस.एच.जी. और उसके संघों, कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स, मास्टर ट्रेनर्स और इस पहल का समर्थन करने वाले कर्मचारियों / विशेषज्ञों जैसे विभिन्न हितधारकों का व्यापक प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण

🌟 विभिन्न आजीविका मॉडलों के लिए संभावित लखपति दीदियों का प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और एक्सपोजर विजिट और स्व-शिक्षा के लिए प्रासंगिक संसाधन दस्तावेजों को सुलभ बनाना

🌟 डिजिटल उपकरण के इस्तेमाल से विभिन्न हितधारकों, सरकार की योजनाओं, निजी क्षेत्र की भागीदारी आदि के साथ पहचाने गए परिवारों के लिए लखपति योजना तैयार करना, योजनाओं का समेकन और उत्पाद और सेवा समूहों का विकास, मूल्य श्रृंखला हस्तक्षेप व संबंध स्थापित करने में मदद करना

🌟 उपलब्धियों के समर्थन और संपर्क के लिए पहचानी गई दीदियों के साथ कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स की मैपिंग करना

🌟 समय-समय पर आजीविका गतिविधियों और आय की रिपोर्टिंग के लिए डिजिटल आजीविका रजिस्टर (कृषि मौसम से जुड़ा छह मासिक या व्यापार चक्र के पूरा होने पर)


❓ संभावित लखपति दीदियों की पहचान के क्या मानदंड हैं?

🌟 एक एस.एच.जी. सदस्य जिसने न्यूनतम दो वर्ष पूरे कर लिए हों और सामुदायिक निवेश निधि (सी.आई.एफ.) का लाभ उठाया हो

🌟 इस मिशन के जरिए लाभार्थी आजीविका हासिल करेगा और कम से कम दो आजीविका गतिविधियों का अभ्यास करेगा

संभावित लखपति दीदियों की पहचान करते समय, सभी श्रेणी के एस.एच.जी. (सामाजिक और आर्थिक) को समान अवसर दिया जाएगा और लगभग 25% दीदियों को एक लाख रुपए से अधिक आय वर्ग से और 75% दीदियों को एक लाख रुपये प्रति वर्ष से कम आय वर्ग में लक्षित किया जाएगा। यह 2023 में किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। यह केवल सांकेतिक मानदंड हैं। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश संभावित लखपति दीदी की पहचान करने के लिए उपयुक्त मानदंड तैयार कर सकते हैं। यह 2022 में किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। ये मानदंड केवल सांकेतिक हैं। राज्य व केंद्र शासित प्रदेश संभावित लखपति दीदियों की पहचान के लिए उपयुक्त मानदंड तैयार कर सकते हैं।

(परामर्श लिंक: संभावित लखपति दीदी की पहचान के लिए मानदंड)


❓ लखपति दीदी पर कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स को प्रशिक्षण देने के लिए मास्टर ट्रेनर कौन है ?

🌟 वरिष्ठ अनुभवी जिनको उद्यम संवर्धन, व्यवसाय प्रबंधन, पशुधन विकास, कृषि, बागवानी, जलीय कृषि, मूल्य श्रृंखला आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कम से कम 5 वर्षों का अनुभव हो

🌟 आजीविका संवर्धन पर प्रभावी प्रशिक्षण सत्रों के आयोजन का अनुभव हो

🌟 राज्य, स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (एस.वी.ई.पी.), वन स्टॉप फैसिलिटी (ओ.एस.एफ.), वित्तीय समावेशन (एफ.आई.), एकीकृत कृषि क्लस्टर (आई.एफ.सी.), उत्पादक समूह/उद्यम (पी.जी./पी.ई.) आदि में प्रशिक्षित मौजूदा रिसोर्स पर्सन्स (एन.आर.पी./राज्य/जिला/ब्लॉक) का लाभ ले सकते हैं

(परामर्श लिंक: ट्रेनिंग रोल आउट प्लान)

❓ लखपति दीदी पर कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स को कौन प्रशिक्षिण देगा?

🌟 निर्धारित मास्टर ट्रेनर, कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स को लखपति दीदी पर प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।


❓ लखपति दीदी पर कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स के प्रशिक्षण में शामिल मुख्य विषय क्या हैं?

लखपति आजीविका योजना तैयार करने के लिए कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स, व्यवहारिक तरीके से मंत्रालय के विस्तारित हाथ हैं।" अपनी भूमिका निभाने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल को ध्यान में रखते हुए कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स के लिए दो दिवसीय व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है।

सत्र इस प्रकार हैं -

🌟 लखपति दीदी अवधारणा का परिचय

🌟 लखपति दीदी आजीविका के अवसर

🌟 आजीविका योजना के भाग

🌟 आजीविका योजना प्रक्रिया और डिजिटल उपकरण

🌟 आजीविका मॉडल

🌟 संभावित लखपति दीदियों को संभालने में कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स की भूमिका

🌟 संसाधन प्रावधान

🌟 डिजिटल आजीविका रजिस्टर


❓ लखपति दीदी पर कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल कहां से मिल सकता है ?

🌟 सेशन प्लान, प्रेजेन्टेशन्स, साधन सामग्री, संदर्भ दस्तावेज़, वीडियो आदि सहित प्रशिक्षण मॉड्यूल वेबसाइट से डाउनलोड़ किए जा सकते हैं।

(कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स के लिए लखपति दीदी पर प्रशिक्षण सामग्री का लिंक:- यहां डाउनलोड करें)

➥ कैस्केडिंग प्रशिक्षण योजना क्या है?

🌟 इसमें रिसोर्स पर्सन्स के प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टी.ओ.टी.), मास्टर प्रशिक्षकों और कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स का प्रशिक्षण शामिल है।


❓ लखपति दीदियों को सक्षम बनाने के लिए सरकार की प्रमुख रणनीति क्या है ?

स्वयं सहायता समूह द्वारा परिवारों की आजीविका में सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करने और लखपति दीदियों को सक्षम करने के लिए चार प्रमुख रणनीतियाँ हैं –

➲ रणनीति-1: स्वयं सहायता समूह सदस्यों को विस्तारित करना, मजबूत बनाना और उनकी आजीविका को बढ़ाना

➲ रणनीति-2: संपत्ति, कौशल, वित्त और बाजार में परिवारों के लिए पर्याप्त और समय पर सहायता प्रदान करके कार्यान्वयन करना

➲ रणनीति-3: विशेषज्ञ संस्थानों और संगठनों के साथ अंतर व अंतर विभागीय अभिसरण और साझेदारी

➲ रणनीति-4: सभी हितधारकों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण

(लिंक: लखपति दीदियों के लिए आगामी योजना दस्तावेज़)


❓ डी.ए.वाई.-एन.आर.एल.एम. के तहत कौन से कार्यक्रम व परियोजनाएं लखपति दीदियों को सक्षम बनाने में सहायक होंगी ?

🌟 डी.ए.वाई.-एन.आर.एल.एम. में महिला एस.एच.जी. सदस्यों की आजीविका वृद्धि को बढ़ावा स्वयं सहायता समूह हुए हैं।

नवाचार जो लखपति दीदियों के लिए सहायक सिद्ध हो सकतें हैं:

संस्थान का सुदृढ़ीकरण-

♢ क्लस्टर लेवल फेडरेशन का सुदृढ़ीकरण

♢ उत्पादक समूह-पी.जी./ पी.ई./ एफ.पी.ओ.

पूंजीकरण और बैंक लिंकेज-

♢ रिवॉल्विंग फंड (आर.एफ.) और कम्यूनिटी इन्वेस्टमेंट फंड (सी.आई.एफ.)

♢ बैंक लिंकेज

♢ महिला उद्यम त्वरण निधि और ब्याज छूट

महिला उद्यम त्वरण निधि और ब्याज छूट-

♢ कृषि और संबद्ध क्षेत्र, पशुधन, एन.टी.एफ.पी. मध्यस्थता

♢ उप-क्षेत्र मध्यस्थता - आशाजनक वस्तुएं

♢ इंटीग्रेटेड फार्मिंग क्लस्टर (आई.एफ.सी.)

♢ निर्माता समूह-पी.जी., पी.ई., एफ.पी.ओ. सदस्य जुटाना, गठन, व्यवसाय योजनाएं, व्यवसाय वृद्धि, राज्य स्तरीय महासंघ

गैर-कृषि आजीविका-

♢ स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेनरशिप प्रोग्राम (एस.वी.ई.पी.)

♢ वन स्टॉप फैसेलिटी (ओ.एस.एफ.)

♢ माइक्रो एंटरप्राइज डेवलपमेंट (एम.ई.डी.)

♢ माइक्रो एंटरप्राइज डेवलपमेंट (एम.ई.डी.)

♢ इनक्यूबेटर


❓ स्वयं सहायता समूहों और उसके सदस्यों को कितनी वित्तीय सहायता उपलब्ध है ?
पूंजीकरण समर्थन:

▶ रिवॉल्विंग फंड - प्रति योग्य स्वयं सहायता समूह को 20,000 रु. से 30,000 रु. तक का आंतरिक ऋण प्रदान करने के लिए प्रक्रिया को उत्प्रेरित करने और सदस्यों की तत्काल ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

▶ कम्यूनिटी इनवेस्टमेंट फंड (सी.आई.एफ.)यह वित्तीय सहायता केवल एस.एच.जी. और उनके संघों को प्रदान की जाती है ताकि सदस्य सूक्ष्म-ऋण/निवेश योजनाओं के अनुसार सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को करने में सक्षम हो सकें। सामुदायिक निवेश निधि के लिए स्वीकार्य अधिकतम राशि 2.50 लाख रुपये प्रति एस.एच.जी. है।

बैंक ऋण

▶ कॉलेटेरल-फ्री बैंक ऋण एस.एच.जी. के लिए 20 लाख रुपए तक

▶ ब्याज अनुदान: महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लिए गए बैंकों व वित्तीय संस्थानों से प्राप्त सभी ऋणों पर बैंकों की ऋण दर और 7% के बीच अंतर को कवर करने के लिए, प्रति स्वयं सहायता समूह को अधिकतम 3,00,000 रुपए तक ब्याज छूट है।

▶ ओवरड्राफ्ट सुविधा: जन-धन खाता रखने वाली प्रत्येक स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्या 5,000 रुपए की ओवरड्राफ्ट (ओ.डी.) की पात्र है।

महिला उद्यम त्वरण निधि:

व्यक्तिगत उद्यमों के लिए

▶ क्रेडिट गारंटी सपोर्ट: व्यक्तिगत महिला उद्यमियों को अधिकतम 5 वर्षों की अवधि के लिए 5 लाख रुपए तक के ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी सहायता है।

▶ शीघ्र भुगतान पर ब्याज छूट: अधिकतम 3 वर्षों की अवधि के लिए लिए गए 1.5 लाख रुपए तक के ऋण का सही पुनर्भुगतान व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए 2% ब्याज छूट प्रदान की जाएगी।

उद्यम समूहों / एफ.पी.ओ. के लिए

▶ उद्यम समूहों/एफ.पी.ओ. को कॉलेटरल सपोर्ट : इस फंड का उपयोग, ऋण देने वाले संस्थानों को कुल ऋण का 50% तक (या 2 करोड़ रु. तक, जो भी कम हो) कॉलेटेरल प्रदान करने के लिए किया जाएगा।

❓ उत्पादक समूह क्या हैं? यह लखपति दीदी के लिए कैसे उपयोगी है?

🌟 उत्पादक समूह (पी.जी.) छोटे आकार के ऐसे समूह हैं जो स्थानीय मांग और आपूर्ति स्थितियों को पूरा करने वाली स्थानीय विपणन गतिविधियों में लगे हुए हैं। उनका व्यवसाय मॉडल मुख्य रूप से एकत्रीकरण की अर्थव्यवस्थाओं पर आधारित है और इस प्रकार इसका उद्देश्य व्यक्तिगत लेनदेन लागत में कमी करना है। उनके लक्षित बाज़ार भी स्थानीय हैं और आमतौर पर एक छोटे दायरे में आते हैं। इन समूहों का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर उत्पादों को एकत्रित करना और उन्हें सामूहिक रूप से बाजार में बेचने में सक्षम होना है, जिससे बेहतर मूल्य पर बातचीत और उच्च मूल्य की प्राप्ति हो। उनके व्यवसाय को बनाए रखने के लिए प्रति पी.जी.2 लाख रुपये प्रदान कर रहा है जिसमें कार्यशील पूंजी और बुनियादी ढांचे की राशि शामिल है। एक लखपति दीदी उपज के एकत्रीकरण और सामूहिक बिक्री के लिए उत्पादक समूह या उच्च स्तरीय महासंघ में शामिल हो सकती है।


❓ स्टार्ट अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम क्या है? इससे लखपति दीदियों को कैसे मदद मिलेगी ?

🌟 स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (एस.वी.ई.पी.) का उद्देश्य ग्रामीण उद्यमों को शुरू करने और समर्थन देकर गांवों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना और गरीबी और बेरोजगारी को कम करना है। उद्यमियों को बैंकों तक आसान पहुँच बनाने, व्यवसाय के लिए प्रारंभिक पूंजी की व्यवस्था करने और उन्हें अपना उद्यम बढ़ाने में सहायता करने के लिए प्रत्येक मध्यस्थ ब्लॉक में ब्लॉक रिसोर्स सेंटर (बी.आर.सी.) और कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन्स- एंटरप्राइज प्रमोशन (सी.आर.पी.- ई.पी.) बनाए जाते हैं। एक लखपति दीदी अपने व्यवसाय या उद्यम को आगे बढ़ाने में सी.आर.पी. -ई.पी. से सहायता ले सकती है।


❓ वन स्टॉप सुविधा क्या है और यह महिला उद्यमी के लिए कैसे उपयोगी है?

🌟 वन स्टॉप फैसिलिटी (ओ.एस.एफ.) - वन स्टॉप फैसिलिटी एक ब्लॉक स्तर पर व्यापक व्यवसाय सेवाएं प्रदान करने के लिए एक व्यवसाय सुविधा-सह-ऊष्मायन केंद्र है, जो मौजूदा नैनो-उद्यमों को समर्थन प्रदान करता है। इसके तहत, प्रत्येक चयनित ब्लॉक परियोजना के दौरान न्यूनतम 150 उद्यमों को समर्थन मिलेगा। व्यक्तिगत उद्यमों के लिए वित्त का पैमाना 2.5 लाख रुपये है, जबकि समूह उद्यमों के लिए यह 5 लाख रुपये है, जिसमें 10% उद्यमी योगदान शामिल है। इन उद्यमों के लिए वित्तपोषण के चार स्रोत यानि सी.आई.एफ., सी.ई.एफ., एस.एच.जी. स्तर पर अनाहरित बैंक ऋण और औपचारिक वित्तीय संस्थान ऋण होंगे।


❓ माइक्रो एंटरप्राइज़ डेवलपमेंट कार्यक्रम लखपति दीदियों के लिए किस प्रकार उपयोगी है ?

🌟 माइक्रो एंटरप्राइज़ डेवलपमेंट (एम.ई.डी.) -इस माइक्रो एंटरप्राइज़ डेवलपमेंट योजना का उद्देश्य गैर-कृषि क्षेत्र में एस.एच.जी. और उनके परिवार के सदस्यों के उद्यमों का समर्थन करना है। इस योजना के अंतर्गत, उद्यमियों को हैंड-होल्डिंग और पोस्ट-एंटरप्राइज़ ग्राउंडिंग सहायता मिलेगी, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय को सफलता तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही वित्तपोषण का हिस्सा एन.आर.एल.एम. और बैंकों/वित्तीय संस्थानों के तहत प्रदान किए गए सी आई.एफ. से जुटाया जाएगा। इस योजना के माध्यम से, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों (एस आर.एल.एम.) के तहत वित्तीय समावेशन टीमें, चयनित एम.ई.डी. उद्यमियों को बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ जोड़ने में सक्रिय रूप से भाग लेंगी और समर्थन करेंगी।


❓ एन.आर.एल.एम. के तहत क्लस्टर मध्यस्थता लखपति दीदी के लिए कैसे सहायक है?

🌟 डी.ए.वाई.- एन.आर.एल.एम. के तहत दो प्रकार के समूहों को बढ़ावा दिया जाता है। पहला कारीगर क्लस्टर (हथकरघा और हस्तशिल्प) और दूसरा क्षेत्रीय क्लस्टर (खाद्य सेवा, पर्यटन, पोषण, आदि)। हल्के नवाचार में डिजाइन विकास, गुणवत्ता आश्वासन, उद्यम निर्माण, बाजार विकास, वित्तपोषण, प्रौद्योगिकी उन्नयन, कौशल, जिम्मेदार व्यावसायिक हस्तक्षेप को बढ़ावा देना, स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना शामिल है। इस पहल के तहत सामूहिक उद्यमों के विकास और सामान्य सुविधा केंद्रों (सी.एफ.सी.) व सामान्य उत्पादन केंद्रों (सी.पी.सी.) के निर्माण जैसे कठिन हस्तक्षेपों का समर्थन किया जाता है। प्रत्येक क्लस्टर में हस्तक्षेप की अवधि के दौरान कम से कम 100 सूक्ष्म उद्यमों को शामिल करने की क्षमता है।

क्लस्टरों की स्थापना और संचालन के लिए प्रति क्लस्टर 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, एस.आर.एल.एम. व तकनीकी सहायता एजेंसियां मौजूदा सरकारी योजनाओं जैसे पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए निधि योजना (एस.एफ.यू.आर.टी.आई.) और विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) और विकास आयुक्त (हथकरघा) की योजनाओं के साथ आगे बढ़ने के माध्यम से अतिरिक्त धन का लाभ उठा सकती हैं।
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